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युक्तियुक्तकरण में अनियमितताओं के खिलाफ बस्तर में उग्र प्रदर्शन, शिक्षकों ने सौंपा मांग पत्र
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 2 जुलाई 2025,  08:45 PM IST
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बारिश के बीच सातों विकासखंडों में तालाबंदी और आक्रोश, ग्रामीण स्कूलों में पढ़ाई ठप

बस्तर जिले में युक्तियुक्तकरण (Rationalisation) की प्रक्रिया में हुई गंभीर अनियमितताओं और अन्य चार सूत्रीय मांगों को लेकर एक बार फिर शिक्षक संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है।
1 जुलाई को जिले के सभी सातों विकासखंड मुख्यालयों में जोरदार धरना-प्रदर्शन किया गया। तेज बारिश के बावजूद प्रदर्शनकारी शिक्षक एसडीएम, तहसीलदार और खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव और संचालक डीपीआई के नाम मांग पत्र सौंपते नजर आए।

इस व्यापक विरोध प्रदर्शन का आयोजन शिक्षक संगठनों के साझा मंच द्वारा किया गया, जिसने शासन की नीतियों पर खुलकर सवाल खड़े किए।


ग्रामीण स्कूलों में तालेबंदी, मध्यान्ह भोजन के बाद छुट्टी

प्रदर्शन के दिन जिले के अधिकांश ग्रामीण स्कूलों में तालेबंदी की स्थिति रही।
कुछ स्कूल खुले भी, लेकिन वहां भी मध्यान्ह भोजन के बाद छुट्टी कर दी गई, जिससे नियमित शिक्षण कार्य बाधित रहा।
शिक्षकों ने युक्तियुक्तकरण की मौजूदा प्रणाली को "दोषपूर्ण और मनमानी" करार दिया।


"2008 का सेटअप दरकिनार कर शिक्षकों के साथ अन्याय" – प्रवीण श्रीवास्तव

जगदलपुर में धरना स्थल पर सभा को संबोधित करते हुए संभागीय संचालक प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा कि शासन द्वारा लागू की गई युक्तियुक्तकरण की नीति से विद्यालयों की व्यवस्था और भी बदतर हो गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि 2008 के सेटअप को नजरअंदाज कर शिक्षकों को मनमाने तरीके से प्रभावित किया गया, जिससे स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी और अव्यवस्था फैल गई है।


"काउंसलिंग में जुगाड़ और अटैचमेंट का खेल"

श्रीवास्तव ने यह भी आरोप लगाया कि काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान कुछ शिक्षकों को बचाने और निकालने के लिए जुगाड़ वाले अटैचमेंट और गलत सेटअप का इस्तेमाल किया गया। इससे सैकड़ों योग्य शिक्षक प्रभावित हुए हैं और शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा है।


चार सूत्रीय मांगों पर अड़ा शिक्षकों का मंच

प्रदर्शन के दौरान शिक्षक संगठनों ने चार सूत्रीय मांगें शासन के सामने रखीं, जिनमें युक्तियुक्तकरण की समीक्षा, 2008 के सेटअप की बहाली, अटैचमेंट पर रोक और स्थानांतरण नीति में पारदर्शिता शामिल हैं।


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