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सावन में बंटेगा 1100 वृक्षों का प्रसाद
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 15 जुलाई 2025,  09:22 PM IST
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सावन में बंटेगा 1100 वृक्षों का प्रसाद

शिव प्रकृति ही है कल्याण का आधार: आचार्य डॉ. अजय आर्य
-आचार्य अजय आर्य की प्रेरणा से आर्य समाज की पहल
दुर्ग।
 आर्य समाज दुर्ग भिलाई कि पहले से सावन में प्रकृति की उपासना और शिव की प्रार्थना एवं कल्याण की भावना से 1100 बिल्व, नीम आदि वृक्ष बांटे जाएंगे। आचार्य अंकित शास्त्री ने मंत्रपाठ किया।
 सावन सोमवार शिव उपासना को स्पष्ट करते हुए आचार्य डॉ. अजय आर्य ने बताया-शिव प्रकृति के आराध्य देव हैं। हमारी संस्कृति प्रकृति को जीवन का आधार मान करके उसके उपासना करती है। बरगद पीपल आदि वृक्षों को इसलिए पूज्य माना गया है। यज्ञ की संस्कृति भी प्रकृति को पोषित करती है। शिव का अर्थ है कल्याण और मंगल । प्रकृति के बिना व्यक्ति का अस्तित्व नहीं है। प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर के हमें विकास करना चाहिए। आज प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि हम पेड़ लगाकर प्रकृति की आराधना करें। महर्षि दयानंद ने सत्यार्थ प्रकाश में लिखा है कि परमात्मा के अनंत समर्थ के कारण उसका नाम भी अनंत है। जग का कल्याण करने के कारण परमात्मा का नाम शिव है।शिव के शरीर पर भस्म, जटाओं में गंगा, मस्तक पर चंद्रमा, गले में सर्प, और हाथ में डमरू, ये सभी प्रकृति से ही प्राप्त वस्तुएं हैं। इन प्रतीकों के माध्यम से शिव प्रकृति के साथ अपने गहरे संबंध को दर्शाते हैं। भगवान शिव हमें सिखाते हैं कि प्रकृति के साथ सामंजस्य में रहना, उसकी रक्षा करना और उसकी अनंत शक्तियों का सम्मान करना आवश्यक है। यह संदेश हमें प्रकृति को श्रृंगार करने और उसे संजोने की प्रेरणा देता है।
छत्तीसगढ़ आर्य प्रतिनिधि सभा के मंत्री अवनी भूषण पुरंग ने कहा कि आर्य समाज प्रकृति और संस्कृति की रक्षा के लिए निस्वार्थ भाव से लगा हुआ है। 

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भिलाई दुर्ग में आर्य समाज बताना का 1100 सावन का वृक्ष प्रसाद..
आर्य समाज मंत्री प्रवीण गुप्ता उसने कहा कि आर्य समाज आचार्य भिलाई दुर्ग के क्षेत्र में सावन का असली प्रसाद बिल्व नील आदि के वृक्ष बांटेगा। ये वृक्ष आर्य समाज आर्य नगर एवं आर्य समाज सेक्टर 6 भिलाई से प्राप्त किया जा सकते हैं। आर्य समाज में नि:शुल्क रूप से यह वृक्ष उपलब्ध हैं। विशेष परिस्थिति में आर्य समाज पौधों को घर तक पहुंचाने की भी व्यवस्था कर रहा है किंतु सभी से निवेदन है कि इन पौधों को प्रतिदिन जल आदि देखकर देवताओं की तरह पूजा करने या इन्हें सुरक्षित रखना का संकल्प लिए। वृक्षों के लिए निम्न दूरभाष नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है 9300540698 एवं 097777 99616 ।

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