कोरबा । कोरबा जिले में दूसरे दिन भी झमाझम बारिश होती रही। इसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्र के नदी और नाले ऊफान पर हैं। 24 घंटे में 71.5 मिलीमीटर औसत बारिश दर्ज की गई। 48 घंटे में 101 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है। सावन के पहले पखवाड़े में यह सबसे अधिक बारिश बतायी जा रही हैं। बरपाली तहसील में 144.5 मिलीमीटर रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई है। ग्रामीण क्षेत्र के 5 प्रमुख मार्गो पर आवाजाही बंद है। इसके कारण लोग दिन भर परेशान रहे। सोन नदी पर बना एनीकट भी डूब गया है। शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार बारिश हो रही है। इसका करतला, कोरबा और कटघोरा ब्लॉक में बारिश का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है।
शहर में बारिश का प्रभाव कम रहा। नोनबिर्रा से रामपुर मार्ग दूसरे दिन भी बंद रहा। लोग जान जोखिम में डालकर पुल के ऊपर से पार करते रहे। छिंदई नाला पुल के ऊपर से पानी बहता रहा। सेंद्रीपाली के पास पुल के ऊपर पानी बहने के कारण आवाजाही बंद रही। सिवनी से सुखरीकला मार्ग पर जमड़ीनाला का पानी भी दूसरे दिन नहीं उतरा। इसकी वजह से लोग परेशान रहे। लीलागर नदी में बना पुल भी डूब गया है। इसकी वजह से 20 से अधिक गांवों का संपर्क टूट गया है। मांड नदी में बाढ़ आने की वजह से कुदमुरा से बरपाली मार्ग पर बना और सडक भी डूब गई है। चिर्रा से श्यांग मार्ग पर भी पवासी नाला पुल के ऊपर से पानी बहता रहा। पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक में भी झमाझम बारिश हुई है। इसकी वजह से कुछ प्रमुख मार्गों पर आवाजाही बंद हो गयी हैं जिसके अंतर्गत ग्राम नोनबिर्रा से रामपुर के छिंदईनाला व सेद्रीपाली नाला के ऊपर से पानी बह रहा है। 25 से अधिक ग्राम के ग्रामीणों को करतला की ओर से 15 किलोमीटर घूमकर जाना पड़ रहा है। कुदमुरा से श्यांग मार्ग पर हुकरा नाला पुल के साथ सडक भी डूब गई है। यहां के लोगों को बासीन गोल्गा की ओर से 20 किलोमीटर घूमना पड़ रहा है।
हरदीबाजार से रेंकी अंतर्गत लीलागर नदी के पल के ऊपर पानी भरने की वजह से मार्ग पर आवाजाही बंद हो गई। लोगों को पानी उतरने का इंतजार करना पड़ा। नेवसे हरदीबाजार मार्ग पर भी पुल के ऊपर से 4 फीट पानी बह रहा है। इससे पाली ब्लॉक मुख्यालय का संपर्क टूट गया है। इस मार्ग से सीपत की ओर भी लोग आवाजाही करते हैं। जिले के अंतिम छोर में बसे सुखरीकला, सुखरीखुर्द और अमलडीहा का संपर्क भी टूट गया है। नाला के ऊपर चार फीट पानी बह रहा है। लोग 5 किलोमीटर घूमकर आवाजाही कर रहे हैं। कोरबा जिले के साथ सिंचित क्षेत्र में भारी बारिश के कारण सिंचाई के लिए पानी की मांग बंद हो गई है। इसकी वजह से दोनों नहरों के गेट बंद कर दिए गए हैं। यह पहली बार हुआ कि बीच में नहर बंद करनी पड़ी। दर्री बराज के दो गेट खुले, 14678 क्यूसेक पानी छोड़ा दर्री बराज का जलस्तर बढ़ गया। इससे गेट नंबर 4 व 7 को खोल नदी में 14678 क्यूसेक पानी छोड़ा। बांगो बांध में भराव 61.30त्न है। जल स्तर 352.50 मीटर दर्ज किया गया। भरने में अभी 7 मीटर बाकी है।
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