• +91 99935 90905
  • amulybharat.in@gmail.com
दुर्ग - भिलाई और भी
बेदखली के बाद भी दोबारा कब्जा,दुर्ग निगम की लापरवाही उजागर
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 5 अगस्त 2025,  04:39 AM IST
  • 453
“जैसे को तैसा… निगम हटाए, कब्जेदार फिर लौटे इंदिरा मार्केट में फिर पसरा अतिक्रमण, 6 लाख की कार्रवाई पर पानी कब्जा हटाने पर छह लाख खर्च, दो महीने में फिर से कब्जा महापौर की कब्जा मुक्ति योजना फेल, निगम की लापरवाही उजागर

दुर्ग। महापौर अलका बाघमार द्वारा शुरू की गई शहर को "कब्जा मुक्त" करने की योजना दो महीने में ही दम तोड़ती नजर आ रही है। निगम प्रशासन ने पुलिस बल और किराए की जेसीबी मशीनों के साथ इंदिरा मार्केट में सड़क किनारे के अवैध कब्जे हटाने की कार्रवाई की थी। इस दो दिवसीय अभियान में करीब 6 लाख रुपये खर्च हुए थे। मकसद था – कब्जा मुक्त बाजार और सुगम यातायात व्यवस्था।

कार्यवाही के दौरान साफ निर्देश दिए गए थे कि कब्जा हटने के बाद खाली पड़ी जगह को फेंसिंग कर सुरक्षित किया जाए, ताकि दोबारा अतिक्रमण न हो। लेकिन निगम ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। नतीजा – अब दो महीने बाद वही स्थान फिर से ठेले-खोमचों से भर गए हैं, और कारोबार भी शुरू हो चुका है।

रिहायशी इलाकों का भी यही हाल

केवल इंदिरा मार्केट ही नहीं, बल्कि रिहायशी इलाकों में भी स्थिति कुछ अलग नहीं है। एक सप्ताह तक निगम ने सड़क और नाली किनारे के अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की थी। कई लोगों ने नालियों के ऊपर सीमेंट कंक्रीट से ढलाई कर दी थी, जिससे सफाई में कठिनाई हो रही थी। निगम की तोड़ूदस्ते ने उन ढलाइयों को तोड़ा जरूर, लेकिन अब फिर से धीरे-धीरे नालियों पर निर्माण शुरू हो गया है।

वार्ड सुपरवाइजर इन गतिविधियों को देखकर भी चुप्पी साधे हुए हैं। निगम की निगरानी व्यवस्था पूरी तरह से फेल साबित हो रही है।

प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल

एक ओर निगम लाखों रुपये खर्च कर रहा है तो दूसरी ओर बिना निगरानी और फॉलोअप के सारी मेहनत बेकार हो रही है। क्या निगम केवल खानापूर्ति के लिए कार्रवाई कर रहा है?
महापौर की मंशा भले ही शहर को कब्जा मुक्त करने की हो, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही और निगम की कमजोर निगरानी व्यवस्था से यह योजना दम तोड़ रही है।


?️ रिपोर्टर: ज्वाला एक्सप्रेस न्यूज टीम
दुर्ग, छत्तीसगढ़

RO. NO 13220/ 70

RO. NO 13220/ 70

Add Comment


Add Comment

RO. NO 13220/ 70
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg
RO. NO 13220/ 70
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg





ताज़ा समाचार और भी
Get Newspresso, our morning newsletter