उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार दोपहर 1.45 बजे बादल फटा। गंगोत्री के पहाड़ों से बहने वाली खीर गंगा नदी में बाढ़ आ गई। तेज रफ्तार पानी के साथ आए मलबे ने 34 सेकेंड में धराली गांव को जमींदोज कर दिया।
आपदा में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से ज्यादा लोग लापता हैं। NDRF, SDRF के साथ सेना की टीम रेस्क्यू के लिए पहुंची है। अभी तक 20 लोगों का रेस्क्यू किया गया है।
धराली में तबाही, उसके बाद के हालात और रेस्क्यू ऑपरेशन 15 तस्वीरों में...
बादल फटने की 5 तस्वीरें...
उत्तरकाशी में पिछले 2 दिनों से बारिश हो रही है, इस दौरान मंगलवार सुबह बादल फटा और धराली गांव की ओर मलबा आया।
नदी में मलबे की वजह से ओवरफ्लो हो गई और मलबा और पानी बाहर निकल गया।
पहाड़ का मलबा नदी किनारे मौजूद मकानों से टकराया।
मलबे ने मकानों को अपनी चपेट में लिया और वह जमींदोज हो गए।
पूरे धराली गांव मलबे में दब गया और तबाह हो गया।
तबाही के बाद की 5 तस्वीरें...
धराली के ऊंचाई वाले इलाकों में भी मकानों को नुकसान पहुंचा है।
इस दौरान मकान में मौजूद लोग भी मलबे में दब गए। अभी तक 4 लोगों की मौत की खबर है।
स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, अभी गांव के 50 लोग लापता बताए जा रहे हैं। उनके मलबे में दबे होने की आशंका है।
मकानों को काफी नुकसान पहुंचा है, गांव की पूरी तरह से कनेक्टिविटी टूट गई है।
मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला जा रहा है, इस दौरान एक व्यक्ति मलबे में रेंगता दिखा।
रेस्क्यू ऑपरेशन की 5 तस्वीरें...
धराली गांव में NDRF, SDRF की टीमें भेज दी गई है।
धराली गांव में NDRF, SDRF के साथ ही आर्मी भी रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए पहुंची है।
रेस्क्यू टीम लगातार राहत-बचाव कार्य चला रही है।
आगे भी तेज बारिश की चेतावनी के बीच लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।
घायलों को उत्तरकाशी स्थित जिला अस्पताल में ले जाया गया है। जहां स्वास्थ्य विभाग के साथ ही आर्मी के डॉक्टर भी उनका इलाज कर रहे हैं।
बादल क्या होते हैं, ये कैसे फटते हैं- एनिमेशन में देखिए
बादल आकाश में तैरते हुए दिखाई देने वाले पानी के कण या बर्फ होते हैं। जब भाप या वाष्प बनकर पानी के काफी छोटे-छोटे कण वायुमंडल के ऊपरी सतह पर पहुंचकर ठंडी हवाओं के साथ मिलते हैं तो ये बादल कहलाते हैं। ये तो हुई बात बादल की। अब आगे जानते हैं आखिर बादल फटना क्या होता है...
जब किसी छोटे से इलाके में बहुत कम समय में बहुत ज्यादा बारिश होती है तो आमतौर पर इसे हम बादल फटना कहते हैं। इसमें बादल फटने जैसा कुछ नहीं होता। हां, ऐसी बारिश इतनी तेज होती है जैसे ज्यादा पानी से भरी हुई एक बहुत बड़ी पॉलिथीन आसमान में फट गई हो। इसलिए इसे हिंदी में बादल फटना और अंग्रेजी में Cloudburst के नाम से पुकारा जाता है।
मौसम विभाग के मुताबिक जब अचानक 20 से 30 वर्ग किलोमीटर के इलाके में एक घंटे या उससे कम समय में 100mm या उससे ज्यादा बारिश हो जाए तो इसे बादल फटना कहते हैं।
बादल फटने की घटना के बारे में पूरी जानकारी आसान भाषा में आप यहां पढ़ सकते हैं… क्या वाकई बादल फट जाता है? अमरनाथ-केदारनाथ जैसे इलाकों में अकसर क्यों आती है ऐसी आपदा?
बादल फटने की घटना कितनी खतरनाक हो सकती है, इसे समझने के लिए नीचे दिए गए इस वीडियो को देखिए। इसे वंडर ऑफ साइंस नाम के ट्विटर हैंडल ने पोस्ट किया है। कैप्शन में लिखा है कि ये ऑस्ट्रिया के लेक मिल्स्टैट का है, जिसे पीटर मायर ने अपने कैमरे में कैद किया है।
ज्वाला प्रसाद अग्रवाल, कार्यालय शाप न. 2 संतोषी मंदिर परिसर,गया नगर दुर्ग , छत्तीसगढ़, पिनकोड - 491001
+91 99935 90905
amulybharat.in@gmail.com
बैंक का नाम : IDBI BANK
खाता नं. : 525104000006026
IFS CODE: IBKL0000525
Address : Dani building, Polsaipara, station road, Durg, C.G. - 49001
Copyright © Amuly Bharat News ©2023-24. All rights reserved | Designed by Global Infotech
Add Comment