बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान को भोपाल स्थित पुश्तैनी संपत्ति विवाद में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है। एक महीने पहले ही जबलपुर हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को नए सिरे से सुनवाई के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही ट्रायल कोर्ट के 14 फरवरी 2000 को पारित आदेश को दोषपूर्ण पाते हुए निरस्त कर दिया था।
जबलपुर हाईकोर्ट ने यह भी व्यवस्था दी थी कि ट्रायल कोर्ट एक साल की समय सीमा के अंदर प्रकरण का पटाक्षेप करें। यह आदेश हाईकोर्ट ने भोपाल रियासत के अंतिम नवाब मोहम्मद हमीदुल्ला खान की संपत्ति को लेकर चल रहे उत्तराधिकार विवाद को लेकर सुनाया था। अपील नवाब हमीदुल्ला खान के वंशज बेगम सुरैया, नवाबजादी कमरताज राबिया सुल्तान और अन्य की ओर से दायर की गई थी।
सैफ के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में की थी अपील इस केस में क्रिकेटर नवाब मंसूर अली खान पटौदी, उनकी पत्नी अभिनेत्री शर्मिला टैगोर, पुत्र सैफ अली खान, बेटियां सबा सुल्तान, सोहा अली खान को पक्षकार बनाया गया था। इस मामले में यसीर और फैजा सुल्तान का दावा था कि नवाब की निजी संपत्ति पर सभी वैध वारिसान का अधिकार है।
हाईकोर्ट के इसी आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फिलहाल रोक लगाई है। सैफ अली के परिवार की ओर से हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- थर्ड पार्टी राइट क्रिएट नहीं कर सकते सीनियर एडवोकेट आदिल सिंह बोपाराई ने बताया कि जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ उमर फारूख अली और राशिद अली की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है। इस पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सैफ अली खान एवं परिवार थर्ड पार्टी राइट क्रिएट नहीं कर सकते। मामले में आगे सुनवाई होगी।
सैफ और करीना योग करते हुए। फाइल फोटो।
अरबों की संपत्ति का है मामला सैफ अली खान से जुड़ी संपत्ति विवाद की बात करें तो 25 साल पहले बेगम सुरैया, नवाबजादी कमर ताज राबिया सुल्तान, नवाब मेहर ताज साजिदा सुल्तान और बेगम मेहर ताज नवाब साजिदा सुल्तान ने साल 2000 में हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। ये मामला अरबों की संपत्ति का है, जिसमें हजारों एकड़ की जमीन समेत अहमदाबाद पैलेस भी शामिल है।
भोपाल का फ्लैग स्टाफ हाउस, जहां सैफ का बचपन बीता। सैफ और करीना पहले यहां आए थे।
कैसे भोपाल रियासत में सैफ का हक? दरअसल, नवाब हाफिज सर हमीदुल्लाह खान का पूरा नाम सिकंदर सौलत इफ्तेखारल उल मुल्क बहादुर हमीदुल्लाह खान था। ये भोपाल के अंतिम नवाब थे। जिनका 1956 में मध्य प्रदेश राज्य में विलय हो गया था। इन्होंने दो शादी की थी। इनकी मौत के बाद उनकी बड़ी बेगम की बेटी साजिदा को भारत सरकार ने 1961 में कानूनी उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था।
साजिदा, सैफ अली खान की परदादी थीं। इनकी शादी पटौदी रियासत के नवाब इफ्तिखार अली खान से हुई थी। उनके बेटे मंसूर अली खान पटौदी और फिर उनके बेटे सैफ को इस संपत्ति का वारिस माना गया। संपत्ति करीब 15 हजार करोड़ रुपए की है।
सैफ के दादा इफ्तिखार अली खान पटौदी और दादी साजिदा सुल्तान के साथ पिता मंसूर अली खान पटौदी की बचपन की तस्वीर (दाएं से दूसरे)।
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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने भोपाल स्थित सैफ अली खान की पुश्तैनी संपत्ति के विवाद पर ट्रायल कोर्ट को नए सिरे से सुनवाई के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही ट्रायल कोर्ट के 14 फरवरी 2000 को पारित आदेश को दोषपूर्ण पाते हुए निरस्त कर दिया। यह आदेश हाईकोर्ट ने भोपाल रियासत के अंतिम नवाब मोहम्मद हमीदुल्ला खान की संपत्ति को लेकर चल रहे उत्तराधिकार विवाद को लेकर सुनाया था।
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