• +91 99935 90905
  • amulybharat.in@gmail.com
रायपुर और भी
धमतरी में चाकूबाजी से तीन दोस्तों की हत्या, तीन परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 13 अगस्त 2025,  02:43 PM IST
  • 594
धमतरी में चाकूबाजी से तीन दोस्तों की हत्या, तीन परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़

शादी से दो दिन पहले दूल्हा बना शव, दो मासूमों के सिर से उठा पिता का साया

raipur/ धमतरी। सिहावा रोड स्थित एक ढाबे में हुई चाकूबाजी की वारदात ने रायपुर के तीन परिवारों को एक साथ उजाड़ दिया। मंगलवार दोपहर रायपुर पहुंचे आलोक ठाकुर उर्फ अज्जूनितिन तांडी और सुरेश तांडी के शवों को देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। बूढ़ातालाब श्मशान घाट पर तीनों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया।

अज्जू की अधूरी खुशियां

सेजबहार निवासी आलोक ठाकुर अपने घर का इकलौता कमाने वाला था। 2016 में पिता की आत्महत्या के बाद उसने परिवार की पूरी जिम्मेदारी उठाई। हाल ही में उसकी शादी तय हुई थी, लेकिन खुशियों के पहले ही मातम ने दस्तक दे दी। शव के पास बैठी उसकी मां और बहन बार-बार बेहोश हो रहीं थीं। बहन की जुबां पर एक ही सवाल था—

“उसे मारना ही था तो अधमरा छोड़ देते, मैं पाल लेती।”

सुरेश की मासूम बेटी को नहीं पता कि पिता अब नहीं रहे

संतोषी नगर निवासी सुरेश तांडी की दो साल की बेटी बार-बार पूछ रही है—

“पापा आए नहीं क्या अभी तक?”
घर के बाहर भीड़ देखकर उसने मां से सवाल किया तो मां ने टाल दिया। लेकिन कुछ देर बाद पिता की अर्थी के काफिले को देखकर भी वह मासूम इस सच्चाई से अनजान है कि पिता अब कभी नहीं लौटेंगे।

नितिन के भी दो छोटे बच्चे

सुरेश का भाई नितिन तांडी की शादी 5 साल पहले हुई थी। उसके भी दो छोटे बच्चे हैं। पिता की मौत से उनका बचपन अब साए में बीतेगा।

ऐसे हुई वारदात

तीनों दोस्त—आलोक, नितिन और सुरेश—धमतरी घूमने आए थे। आलोक पेटी ठेकेदार था, जबकि नितिन और सुरेश ड्राइवरी करते थे। ढाबे में किसी विवाद के बाद आरोपियों ने चाकू से हमला कर दिया, जिससे तीनों की मौके पर मौत हो गई।


एक साथ तीन चिताएं जलने के दृश्य ने हर किसी को रुला दिया। मातम में डूबे इन परिवारों की जिंदगी अब कभी पहले जैसी नहीं होगी।

वारदात के बाद आरोपियों ने सेल्फी ली

Image after paragraph

?️ रिपोर्टर: ज्वाला एक्सप्रेस न्यूज टीम
रायपुर-धमतरी, छत्तीसगढ़

RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37

RO. NO 13404/ 37

Add Comment


Add Comment

629151020250338041002855468.jpg
RO. NO 13404/ 37
74809102025230106banner_1.jpg
RO. NO 13404/ 37
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg
RO. NO 13404/ 37
74809102025230106banner_1.jpg
RO. NO 13404/ 37
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg





ताज़ा समाचार और भी
Get Newspresso, our morning newsletter