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दुर्ग - भिलाई और भी
गया नगर में धूमधाम से मनाया गया दशहरा उत्सव रामलीला के साथ हुआ अहंकारी रावण का दहन
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 13 अक्टूबर 2024,  07:02 PM IST
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दुर्गानवमी पर भंडारा का भी हुआ आयोजन, माता की निकली भव्य विसर्जन यात्रा.. दुर्ग। सार्वजनिक दुर्गोत्सव समिति गया नगर द्वारा विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी नवरात्रि के 9दिन मां दुर्गा प्रतिमा की स्थापना कर नित्य पूजन आरती किया गया तथा दसवे दिन विजयदशमी पर्व पर रामलीला के मंचन के साथ दशानन रावण का दहन किया गया। इसके एक दिन पूर्व दुर्गा नवमी पर भव्य भंडारा का भी आयोजन किया गया तथा रविवार को माता रानी की विसर्जन यात्रा भव्य झांकी व बाना धारण किए भक्तो के साथ निकाली गई जिसमे बड़ी संख्या में कलाकारों द्वारा दुर्गा काली शिव हनुमान जैसे पात्रों का वेशभूषा धर नृत्य करते हुए चल रहे थे वही बड़ी संख्या में भक्तो ने अपने गालों को छिद्र कर बाना धारण किए जो लोगो के आकर्षण के केंद्र रहा। विसर्जन यात्रा गया नगर से निकलकर मुख्य मार्ग होते हुए चंडी मंदिर चौक से वापस कोष्टा तालाब पहुंचकर दुर्गा प्रतिमा को विसर्जित किया गया जिसमें सैकड़ो लोग शामिल हुए । इससे पूर्व दुर्गा नवमी में आयोजित भंडारे में भी सैकड़ों लोगो ने महाप्रसादी ग्रहण किया। दशहरा उत्सव के तहत आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में नगर निगम के पूर्व सभापति दिनेश देवांगन प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। अध्यक्षता वार्ड पार्षद श्रीमती लीना देवांगन ने किया। जिन्होंने सर्व प्रथम रामलीला में राम लक्ष्मण हनुमान अंगद तथा रावण कुंभकरण मेघनाथ की भूमिका निभा रहे पात्रों का आरती व पूजन कर कार्यक्रम की शुरवात किया। आयोजन समिति द्वारा कार्यक्रम स्थल पर रावण दहन हेतु का 50 फीट ऊंची लंकेश्वर का पुतला स्थापित किया गया था जिसमें वार्ड के नाटक कलाकारों ने रामायण पर आधारित चौपाई व दोहों के माध्यम से अपने अपने भूमिकाओं सराहनीय मंचन किया। तत्पश्चात भारी संख्या में उपस्थित नागरिकों के बीच रावण के पुतले को श्रीरामचंद्र जी द्वारा छोड़े तीर के माध्यम से जलाकर अहंकार रूपी रावण के पुतले को जलाकर राम नाम का जयघोष किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुए निगम के पूर्व सभापति दिनेश देवांगन ने कहा की प्रभु श्रीराम हमारे आदर्श है और अहंकारी रावण हमारी अहम का प्रतिबिंब है हजारों वर्ष पहले हुए रामायण की इस घटना का सार मनुष्य को उनके जीवन का नैतिक व आध्यामिक मार्ग का बोध कराना है इसलिए प्रतिवर्ष विजयादशमी पर रावण का दहन होना व रामलीला का मंचन कराना केवल एक आयोजन या उत्सव ही नही है बल्कि यह लाखो करोड़ो वर्ष पुराने हमारे सनातन संस्कृति को भी जीवंत रखने का माध्यम है और गया नगर में दुर्गोत्सव समिति का यह आयोजन भी हिंदू धर्म के प्रति आस्था व प्रभु राम के प्रति मानवीय जीवन की कर्तव्यों का समाज की स्मरण कराना है। इसके लिए सभी पदाधिकारी का प्रयास सराहनीय है।दशहरा उत्सव में भाग लेने वालो में प्रमुख रूप से समिति के रोहित जंघेल, चंद्रशेखर सैलाब, रामसजीवन शर्मा,उत्तम साहू,जीतू चंद्राकर सनकी राजपूत,सोनू राजपूत, केदार ठाकुर,सन्नी शर्मा,सूरज तिवारी भरत ठाकुर,लक्ष्मी साहू,महेश साहू,रमेश मिश्रा,दउवा राजपूत,धनराज सोनी,दुर्गेश यदु,चंद्रेश साहू, राजा शर्मा,लोकेश साहू,गजेंद्र यादव,शक्ति चौहान,सोनू सेन,विजय साहू,सतीश राजपूत,हनी शर्मा,साजन साहू,मोहन सपहा,राकेश ठाकुर, सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

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