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दुर्ग में राष्ट्रीय लोक अदालत : 6.48 लाख से अधिक मामलों का निपटारा, 79 करोड़ से ज्यादा की समझौता राशि
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 13 सितम्बर 2025,  08:42 PM IST
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दुर्ग में राष्ट्रीय लोक अदालत : 6.48 लाख से अधिक मामलों का निपटारा, 79 करोड़ से ज्यादा की समझौता राशि

दुर्ग।राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के मार्गदर्शन में शनिवार को जिला एवं तहसील न्यायालयों सहित विभिन्न न्यायिक मंचों पर तृतीय नेशनल लोक अदालत का सफल आयोजन हुआ।

जिला न्यायालय परिसर में हुए शुभारंभ कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण, जिला अधिवक्ता संघ पदाधिकारी, बैंक अधिकारी और बड़ी संख्या में पक्षकार मौजूद रहे।

बड़ी उपलब्धि

इस लोक अदालत में कुल 6,48,572 मामलों का निपटारा हुआ और 79 करोड़ 3 लाख 18 हजार 60 रुपये की समझौता राशि निर्धारित हुई। इनमें 19,137 न्यायालयीन प्रकरण और 6,29,435 प्री-लिटिगेशन प्रकरण शामिल हैं।

स्वास्थ्य व सामाजिक पहल

कार्यक्रम के दौरान नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर एवं मोबाइल मेडिकल यूनिट की व्यवस्था की गई, जिसमें न्यायालय आने वाले पक्षकारों, अधिवक्ताओं व नागरिकों ने स्वास्थ्य परीक्षण कराया। साथ ही, गुरुद्वारा समिति के सहयोग से लगभग 700 लोगों को नि:शुल्क भोजन कराया गया।

महत्वपूर्ण प्रकरण

पति-पत्नी विवाद : आपसी राजीनामा से आपराधिक मामला समाप्त हुआ और दोनों ने पुनः साथ रहने का निर्णय लिया।

दिव्यांग वृद्ध का मामला : विद्युत वितरण केंद्र ने 14,516 रुपये की बकाया राशि में से 7,000 रुपये माफ कर समझौता किया।

मोटर दुर्घटना दावा : मृतक शिक्षक धर्मेंद्र कुमार के परिजनों को 87 लाख रुपये का अवार्ड दिया गया।

2017 का लंबित मामला : आपसी सुलह से मित्रों के बीच चला आ रहा आपराधिक विवाद समाप्त।

पारिवारिक विवाद : वादिनी ने रिश्तेदारों से समझौता कर मानहानि वाद वापस लिया।

2014 का वित्तीय विवाद : सोनी ऑटो डीलर्स और विशाल शाह के बीच लंबित भुगतान विवाद का पूर्ण समाधान हुआ।

पड़ोसियों का झगड़ा : पाँच साल पुराने विवाद का लोक अदालत में समाधान, दोनों परिवार खुशहाल होकर लौटे।

 

संदेश

इस नेशनल लोक अदालत ने साबित किया कि न्याय केवल सज़ा देने तक सीमित नहीं है, बल्कि रिश्तों को जोड़ने और समाज में सौहार्द स्थापित करने का माध्यम भी है। आपसी समझ और संवाद से हर बड़ा विवाद भी सुलझाया जा सकता है।

 

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