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ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रंप के दावे से नया विवाद, पाकिस्तान बोला– भारत ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं मानी
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 16 सितम्बर 2025,  09:18 PM IST
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ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रंप के दावे से नया विवाद, पाकिस्तान बोला– भारत ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं मानी

इस्लामाबाद/वॉशिंगटन | 
भारत–पाकिस्तान के बीच मई 2025 में हुए सैन्य संघर्ष ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को रोकने में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के दावे ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने साफ कहा है कि भारत ने कभी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की थी।


ट्रंप का दावा क्या था?

10 मई को ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा था:

“मेरी कोशिशों से भारत और पाकिस्तान तत्काल युद्धविराम पर सहमत हुए। यह मेरी बड़ी कूटनीतिक जीत है।”

उन्होंने इसके बाद भी कई बार दोहराया कि उनके हस्तक्षेप से युद्ध रोका गया और दक्षिण एशिया में शांति कायम हुई।


पाकिस्तान का जवाब

एक इंटरव्यू में पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा:

“भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की बातचीत सीधी चैनलों से हुई थी। भारत किसी तीसरे पक्ष की दखलअंदाजी के लिए तैयार ही नहीं था। ट्रंप का दावा वास्तविकता से दूर है।”

डार ने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान हमेशा शांति का पक्षधर है, लेकिन “किसी भी मध्यस्थता का ढांचा तभी संभव है जब दोनों पक्ष सहमत हों, और भारत ने स्पष्ट तौर पर इनकार किया।”


भारत की आधिकारिक प्रतिक्रिया

भारत की ओर से इस बयान पर अब तक औपचारिक टिप्पणी नहीं की गई है। लेकिन मई 2025 में हुए सैन्य तनाव के बाद नई दिल्ली लगातार यह रुख अपनाती रही है कि “भारत–पाकिस्तान के सभी मुद्दे द्विपक्षीय हैं और इनमें किसी तीसरे देश की भूमिका नहीं होगी।”


ऑपरेशन सिंदूर क्या था?

  • मई 2025 की शुरुआत में पाकिस्तान की सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई।

  • भारतीय सेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत लक्षित हमले किए।

  • संघर्ष पांच दिन चला और सीमा पर हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए थे।

  • 9 मई को दोनों देशों ने युद्धविराम पर सहमति जताई थी।


विवाद क्यों बढ़ा?

  • ट्रंप इसे अपनी डिप्लोमैटिक सक्सेस बता रहे हैं।

  • पाकिस्तान कह रहा है कि भारत ने किसी तीसरे पक्ष को स्वीकार ही नहीं किया।

  • भारत लगातार तीसरे पक्ष की भूमिका से इनकार करता आया है।


 निष्कर्ष:
ट्रंप का यह दावा जहां उनकी राजनीतिक छवि और चुनावी रणनीति से जुड़ा माना जा रहा है, वहीं पाकिस्तान का बयान इस बात की पुष्टि करता है कि भारत-पाकिस्तान रिश्तों में तीसरे पक्ष की भूमिका आज भी सख्ती से नकारी जाती है।
यह विवाद न सिर्फ दक्षिण एशिया की कूटनीति बल्कि अमेरिकी राजनीति में भी बहस का मुद्दा बन गया है।

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