• +91 99935 90905
  • amulybharat.in@gmail.com
अपराध और भी
आस्था पर आघात; बस्तर दशहरा के रथ निर्माण स्थल पर नशे में पहुंचे बदमाश खाने लगे बिरियानी
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 24 सितम्बर 2025,  06:11 PM IST
  • 181
आस्था पर आघात; बस्तर दशहरा के रथ निर्माण स्थल पर नशे में पहुंचे बदमाश खाने लगे बिरियानी

रस्सी से बांध कर की गई धुनाई, फिर किया गया पुलिस के हवाले 
जगदलपुर
। तीन शरारती तत्वों ने बस्तर दशहरा से जुड़ी बड़ी आस्था पर आघात पहुंचाने का निदनीय कृत्य कर दिया है। ये शरारती तत्व नशे की हालत में बस्तर दशहरा के रथ निर्माण स्थल सिरहासार भवन में घूस गए और वहां बैठकर बिरियानी खाने लगे। रथ निर्माण में लगे भक्तजन यह देख आक्रोशित हो उठे और उन्होंने तीनों बदमाशों को पहले जमकर पीटा फिर पुलिस के हवाले कर दिया। बस्तर दशहरा में रथ का बड़ा महत्व है। रथ ही बस्तर दशहरा की शान है और इसी रथ पर देवी देवताओं को आरुढ़ कर बस्तर दशहरा पर्व के दौरान नगर भ्रमण कराया जाता है। बस्तर दशहरा के लिए हर साल विशेष प्रजाति के वृक्ष की लकडिय़ों विशाल नए रथ का निर्माण किया जाता है। रथ निर्माण एक जाति विशेष के लोग ही पूरा करते हैं। बस्तर दशहरा के रथ का निर्माण सिरहासार भवन में होता है। इस दौरान पवित्रता का पूरा ध्यान रखा जाता है।मगर रथ निर्माण स्थल से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार बीती रात तीन युवक शराब के नशे में सिरहासार भवन में घुस गए। वे अपने साथ बिरियानी लेकर पहुंचे थे। तीनों बदमाश सिरहासार भवन में ही बैठक बिरियानी खाने लगे। इस दौरान रथ निर्माण में जुटे कारीगरों ने जब उन्हें रोकने का प्रयास किया तो युवक उनसे उलझ पड़े। इस पर आक्रोशित कारीगरों ने युवकों की जमकर पिटाई कर दी और उन्हें रास्सियों से बांध दिया। जिसका वीडियो सोसल मिडिया में जमकर वायरल हो रहा है। एक बदमाश युवक की पहचान गंगा के रूप में हुई है। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और युवक को हिरासत में लेकर कोतवाली थाने ले गई। फिलहाल पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है। इस घटना ने आस्थावान लोगों की भावना को ठेस पहुंचाई है। उनकी इस घृणित हरकत से लोगों में बेहद नाराजगी देखी जा रही है। चर्चा तो यह भी है कि ये युवक दूसरे धर्म को मानने वाले हैं और उन्होंने जानबूझकर यह कृत्य किया है।

RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37

RO. NO 13404/ 37

Add Comment


Add Comment

629151020250338041002855468.jpg
RO. NO 13404/ 37
74809102025230106banner_1.jpg
RO. NO 13404/ 37
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg
RO. NO 13404/ 37
74809102025230106banner_1.jpg
RO. NO 13404/ 37
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg





ताज़ा समाचार और भी
Get Newspresso, our morning newsletter