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94 मिनट, 30 हजार फीट ऊंचाई... प्लेन के पहिए में छिपकर कैसे भारत आया किशोर ?
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 27 सितम्बर 2025,  09:27 PM IST
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Afghani Boy: अफगानिस्तान के काबुल से दिल्ली आने वाली फ्लाइट के व्हील वेल में छिपकर एक 13 साल का लड़का दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पहुंच गया। उससे पूछताछ कर वापस काबुल भेज दिया गया है।

दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर एक 13-14 साल का लड़का इधर-उधर घूमता नजर आया। पुलिस को उस पर शक हुआ, तो उसे हिरासत में लिया गया। पता चला कि लड़का फ्लाइट के लैंडिंग गियर में छिपकर दिल्ली पहुंच गया था। पूछताछ करने पर पता चला कि लड़का अफगानिस्तान के कुंदुज शहर का रहने वाला है। उसे इरान जाना था, लेकिन वो धोखे से इस फ्लाइट में छिपकर दिल्ली आ गया।

जानकारी के अनुसार, 21 सितंबर को सुबह लगभग 11:10 बजे केएएम एयरलाइंस (KAM Airlines) की फ्लाइट (RQ-4401) दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरी। यात्री उतर ही रहे थे कि इस दौरान कर्मचारियों ने एक 13-14 साल के लड़के को विमान के आसपास घूमता देखा। कर्मचारियों ने उससे पूछताछ की, तो पता चला कि ये लड़का अगानिस्तान के कुंदुज शहर का रहने वाला है। लड़का लैंडिंग गियर वाले हिस्से में छिपकर इरान जाना चाहता था, लेकिन भारत आ गया। जांच के दौरान लैंडिंग गियर वाले हिस्से से एक छोटा लाल रंग का स्पीकर भी मिला।

बच्चे ने पूछताछ में बताया कि वो काबुल एयरपोर्ट पर यात्रियों के पीछे-पीछे रनवे तक पहुंचा। मौका देखकर विमान में चढ़ा और फिर उड़ान से पहले व्हील वेल में जाकर छिप गया। अधिकारियों ने बताया कि लड़का नाबालिग है, जिसके कारण उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी।

उससे पूछताछ कर संबंधित एजेंसियों को सौंप दिया गया। कुछ घंटों बाद दोपहर को उसे केएएम एयरलाइंस की वापसी फ्लाइट (RQ-4402) से काबुल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केएएम एयरलाइंस की फ्लाइट ने 94 मिनट में काबुल से दिल्ली तक का सफर पूरा किया। फ्लाइट ने सुबह 8:46 बजे उड़ान भरी और 10.20 बजे दिल्ली में लैंडिंग की। ये बेहद हैरानी की बात है कि लड़का लगभग ढाई घंटे तक उड़ते विमान के लैंडिंग गियर वाले हिस्से में बैठा रहा। ऐसे में उसकी मौत भी हो सकती थी।

जानकारी के अनुसार, व्हील वेल में सफर करना मतलब जिंदगी और मौत से जंग करने के बराबर है। जैसे ही विमान उड़ता है, तो वहां पर ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है। तापमान भी लगभग शून्य पहुंच जाता है। जानकारों का कहना है कि पहियों के बीच घुसने पर पहिए की चपेट में आने से भी मौत हो सकती है।

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