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सीजीपीएससी भर्ती घोटाला : पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी व पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव सहित कई बड़े अधिकारी व रिश्तेदार फंसे
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 3 अक्टूबर 2025,  10:00 AM IST
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सीजीपीएससी भर्ती घोटाला : पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी व पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव सहित कई बड़े अधिकारी व रिश्तेदार फंसे
  • भाई-भतीजावाद और पद का दुरुपयोग: सीबीआई के अनुसार, तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव और अन्य अधिकारियों ने 2020-2022 के दौरान आयोजित परीक्षाओं और साक्षात्कारों में अपने बेटे-बेटियों, रिश्तेदारों और परिचितों के चयन में हेरफेर किया।
  • सीबीआई की कार्रवाई और गिरफ्तारियां

  • एफआईआर: छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध पर, सीबीआई ने 9 जुलाई 2024 को इस मामले में एफआईआर दर्ज की।
  • पूर्व अध्यक्ष की गिरफ्तारी: नवंबर 2024 में सीबीआई ने तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार किया।
  • पूर्व सचिव की गिरफ्तारी: सितंबर 2025 में सीबीआई ने तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव और तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया।
  • अन्य रिश्तेदारों की गिरफ्तारी: गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों में जीवन किशोर ध्रुव का बेटा सुमित ध्रुव (डिप्टी कलेक्टर), टामन सिंह सोनवानी के भाई की बहुएं निशा कोसले (डिप्टी कलेक्टर) और दीपा आदिल (जिला आबकारी अधिकारी) शामिल हैं।
  • आरोपपत्र: सीबीआई ने जनवरी 2025 में सोनवानी सहित सात लोगों के खिलाफ पहला आरोपपत्र दाखिल किया था, और बाद में गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों के खिलाफ भी आरोपपत्र पेश किया। 

रायपुर। सीजीपीएससी भर्ती परीक्षा 2021 घोटाले में बड़ा खुलासा हुआ है। सीबीआई की जांच में सामने आया कि पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव ने सुनियोजित तरीके से पेपर लीक करवा कर अपने रिश्तेदारों और करीबियों को लाभ पहुंचाया

  • जांच में पता चला कि सीजीपीएससी 2020 का प्रश्नपत्र सेट पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक ने एक साल तक दबाकर रखा और बाद में उसी को 2021 की मुख्य परीक्षा में इस्तेमाल किया गया।

  • सोनवानी और ध्रुव ने अपने बेटे, बहू और रिश्तेदारों तक पेपर पहुंचाए। इसी से सुमित ध्रुव (जीवन किशोर ध्रुव का पुत्र) डिप्टी कलेक्टर बना।

  • तलाशी में घरों से प्रश्नपत्र, मॉडल उत्तर, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और फोटोकॉपी बरामद की गई।

  • सीबीआई को पांच साल की कई परीक्षाओं में भी पेपर लीक होने के सबूत मिले हैं।

  • वाट्सएप चैटिंग, कॉल डिटेल्स, लोकेशन रिकॉर्ड और प्रिंटिंग प्रेस (एकेडी प्रिंटर्स) से भी अहम सुराग मिले हैं।

फिलहाल सभी आरोपित रायपुर जेल में बंद हैं। सीबीआई अब पूर्व परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर, आरती वासनिक और तत्कालीन राज्यपाल सचिवालय के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है।

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