रूस ने Google पर अरबों-खरबों का जुर्माना लगाया है। रूस ने गूगल को 20 डेसिलियन डॉलर का जुर्माना भरने को कहा है। यह रकम इतनी बड़ी है कि इससे दुनिया की पूरी अर्थव्यवस्था कई गुना ज्यादा हो जाती। Google के स्वामित्व वाली यूट्यूब पर रूस के सरकारी मीडिया चैनल्स को ब्लॉक करने के बाद यह जुर्माना ठोका गया है। रूस का मानना है कि यूट्यूब ने उसके राष्ट्रीय प्रसारण नियमों का उल्लंघन किया है। यह जुर्माना Google के लिए एक गंभीर चेतावनी माना जा रहा है। रूस ने गूगल को अपनी मीडिया नीतियों का सम्मान करने के लिए कहा है। अब जानिए कितना भारी है ये जुर्माना बता दें कि 1 डेसिलियन में 33 शून्य होते हैं। 20 डेसिलियन डॉलर को भारतीय रुपए में बदलते समय 20×10^33×83। इसका मतलब यह संख्या 1660 के बाद 33 शून्य होगी। इसे बोला जाए तो यह बहुत विशाल संख्या होगी, जिसे अरबों और खरबों से भी बहुत आगे समझा जा सकता है। दावा तो यह भी है कि पूरी दुनिया की GDP भी इस आंकड़े के करीब नहीं पहुंच सकती। इसका मूल्य 1,68,18,43,90,60,00,000.00 भारतीय रुपए होता है। 'यूट्यूब हमारे चैनल्स को रिस्टोर करे' रूसी कोर्ट ने यूट्यूब को निर्देश दिया है कि इसने जितने भी सरकारी रूसी चैनलों को बैन किया है, उन्हें तुरंत रिस्टोर करे। इसके अलावा, कोर्ट ने साफ चेतावनी दी है कि अगर Google नौ महीने के भीतर इन चैनल्स को रिस्टोर नहीं करता है, तो जुर्माना हर दिन दोगुना कर दिया जाएगा। बता दें कि यूट्यूब की ओर से मार्च 2022 में रूस के कई सरकारी चैनलों को रातों रात बैन कर दिया गया था। इसके बाद से ही रूस और गूगल के बीच खींचतान चल रही है। जहां गूगल अपने नीतियों पर डटे होने की बात कह रहा है वहीं रूस का कहना है कि अगर रूस में रहना है तो हमारे प्रसारण नियमों का सम्मान करना ही होगा। यूट्यूब की कौन सी गलती पड़ी भारी मार्च 2022 में यूट्यूब ने रूस के कई सरकारी चैनल्स जैसे आरटी और स्पुतनिक पर ग्लोबल बैन लगा दिया था। यूट्यूब ने इन चैनल्स के कंटेट को लेकर आपत्ति जताई थी। यू ट्यूब ने कहा था कि हमारी नीति के तहत ऐसे किसी भी कंटेट के सर्कुलेशन को रोका जा सकता है जिसमें हिंसा को कमतर आंकने या उसे नकाराने की बात हो।इसके चलते यूट्यूब ने रूस के हजारों चैनल्स और वीडियो हटा दिए। यू ट्यूब की यही गलती Google पर भारी पड़ गई। रूस ने इसे अपनी प्रतिष्ठा का विषय बना लिया। रूस का मानना था कि गूगल ने हमारे सरकारी चैनलों को सेंसरशिप कर रहा है। यह बता रूस को कतई मंजूर नहीं हुई कि कोई उसके संस्थानों पर सवाल उठाए या फिर किसी तरह का रोक लगाए। 2020 से Google पर जारी है रूसी जुर्माना यह कोई पहला मामला नहीं है जब रूस ने Google पर जुर्माना लगाया हो। 2020 में भी रूस ने Google पर अपने सरकारी चैनल्स को ब्लॉक करने के लिए जुर्माना लगाया था। उस समय से, कई रूसी ब्राॅडकास्टर्स ने Google के खिलाफ केस भी दर्ज कराया है। इन ब्राॅडकास्टर्स ने यूट्यूब और गूगल को फिर से अपने चैनल्स को बहाल करने की मांग की है। ऐसा माना जा रहा है कि रूस ने गूगल पर यह भारी भरकम जुर्माना ठोक कर यह बताने की कोशिश है कि रूस अपने सरकारी चैनल्स की सेंशरशिप किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा। रूस में जारी है Google की सीमित सेवाएं रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से Google ने रूस में अपनी सेवाओं को काफी हद तक सीमित कर दिया है, लेकिन यूट्यूब और Google सर्च अभी भी यहां उपलब्ध हैं। हालांकि, Google की रूसी इकाई ने संघर्ष के बीच रूस में अपनी संपत्ति जब्त होने के बाद दिवालिया होने की घोषणा कर दी थी। फिर भी, Google ने रूस में पूरी तरह से अपनी सेवाएं बंद नहीं की हैं। भविष्य में यूट्यूब पर प्रतिबंध लगाने की धमकी रूस ने चेतावनी दी है कि अगर यूट्यूब ने रूसी मीडिया चैनल्स पर बैन बरकरार रखा तो वह यूट्यूब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा सकता है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि यह जुर्माना महज प्रतीकात्मक है, जिसका मकसद Google को अपनी नीति पर दोबारा सोच विचार करने के लिए मजबूर करना है। इस विवाद के बीच, रूस ने अपने देश में विदेशी तकनीकी कंपनियों पर नकेल कसने की कोशिशें तेज कर दी हैं।
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