• +91 99935 90905
  • amulybharat.in@gmail.com
दुर्ग - भिलाई और भी
प्रेम और सौंदर्य की विलक्षण कविताएं - जय प्रकाश
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 14 नवम्बर 2024,  07:18 PM IST

भिलाई। जन संस्कृति मंच दुर्ग-भिलाई ईकाई और हिंदी विभाग, कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सहयोग से 10 नवंबर 2024 को कल्याण कॉलेज के सभागार में युवा कवि अंजन कुमार के काव्य संग्रह 'स्वप्न में डूबी एक नाव' पर कृति चर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में संग्रह की कुछ महत्वपूर्ण कविताओं का पाठ अंजन कुमार, जयप्रकाश नायर और सुलेमान खान ने किया। 
चर्चित कवि रजत कृष्ण के आलेख का पाठ सुबोध देवांगन ने किया। अपने आलेख में रजत कृष्ण ने लिखा कि अंजन कुमार की कविताओं में हम अपने समय को शिद्दत के साथ बांच सकते हैं। इनकी कविताएं सीधे पाठक से जुड़ने बतियाने के गुणधर्म के साथ हम तक पहुंचती है। कम से कम शब्दों में बहुत ही सार गर्भित भाव संवेदना को रचने का हुनर इस पूरे संग्रह में देखने को मिलता है। उनके यहां बेशुमार विषय है और उनको रचने का अपना एक अलग अंदाज भी है। वे अपनी कविताओं को जीते हुए देश, समाज और दुनिया की चिंता करने वाले प्रतिबद्ध कवि हैं। 
युवा समीक्षक इंद्रकुमार राठौर ने कहा कि आज के भयावह समकालीन दौर में अंजन की पक्षधरता इनकी कविताओं में नए रूप से सामने आती हैं। इनकी कविताओं में गहरी रागात्मकता है। जो प्रतीक और बिंबो के साथ शिल्पगत वैशिष्टय लिए उपस्थित होती है। इस संग्रह श्रम, संघर्ष और सौन्दर्य की कई महत्वपूर्ण कविताएं है। 
कवि घनश्याम त्रिपाठी ने कहा कि अंजन की कविताओं में रूप और अंतर्वस्तु की दृष्टि से बहुत विविधता है। उनकी छोटी-छोटी कविता के विषय बहुत मारक है। बहुत कसी हुई और कम शब्दों में ज्यादा बात करती है। वह पाठक को स्पेस देती है जिसमें वह सोच समझ सके। ज्यादातर कविताओं का सौंदर्य बहुत गहरा है। इनके बिंब कविता को जीवंत बना देते हैं। कवि की कल्पना शक्ति चमत्कृत करती है। सामाजिक यथार्थ के अनुगूंज बिंबो के साथ-साथ चलते हैं। 
कवि, कथाकार और अनुवादक मीता दास ने कहा कि इस संग्रह की कविताएं एक अलग ही दुनिया में ले जाती है। इतनी मार-काट वाले वातावरण में यह कविताएं मन को सुकून से भर देती है। 
चर्चित कथाकार कैलाश बनवासी ने कहा कि उनकी प्रेम कविताएं निश्चलता, पारदर्शिता, हवा की तरह साफ, रुई की तरह कोमलता लिए हुए है। इस भीषण मारक समय में कवि कोमलता की तरफ लेकर जाता है और दुनिया को बदलने की कोशिश करता है। रूपक, दृश्य, बिंब इतनी कलात्मकता के साथ आते है कि चमत्कृत करते है। इनके पास सरल ढंग से रचने का सलीका है जो पाठकों को जोड़ पाने का सामर्थ्य रखती हैं। वरिष्ठ कवि नासिर अहमद सिकन्दर ने कहा कि छत्तीसगढ़ के हिंदी काव्य परंपरा में लंबे समय के बाद सफल कवि के रूप में अंजन कुमार उभरकर आते हैं। इस संग्रह में बहुत-सी अच्छी कविताएं है। अंजन बिंबो के कवि है। शमशेर बहादुर सिंह, मुक्तिबोध, प्रयाग शुक्ल और आशुतोष दुबे के बाद एक लंबे समय के पश्चात अंजन बिंबो की परंपरा से जुड़ते हैं तथा बिंबो को वर्तमान संदर्भों से जोड़ते हैं। 

प्रखर आलोचक सियाराम शर्मा ने कहा कि इस संग्रह की कविताओं में रोमान, संवेदना, प्रेम और श्रम का सौंदर्य है। इस हत्या, रक्तपात और घृणा से भरे पूरे वातावरण में यह संग्रह एक फूल की तरह है। स्वप्न और यथार्थ की जो आवाजाही है। वह इस संग्रह को महत्वपूर्ण बनाती है। प्रेम कवि के अस्तित्व की जड़ों तक फैला हुआ है जो कवि को देखने की एक नई अंतर्दृष्टि देता है, जिसके सहारे वह जीवन को विस्तार के साथ देख पता है। वह उन चीजों को भी देख पता है जिसे बाकी लोग नहीं देख पाते हैं। कवि प्रकृति के रंग-रूप को जिस बारीकी से पकड़ते हैं। अपने अंतर्मन के भावों को जैसे मूर्त करने की कोशिश करते हैं। ऐसी कलात्मकता बहुत कम कवियों में होती है। कवि अपनी भावनाओं का प्रसार धरती से आकाश, आकाश से समुद्र, पिंड से ब्रह्मांड तक करते हैं। श्रम के सौंदर्य की बहुत अच्छी कविताएं इस संग्रह में है। 'सफाई कर्मी', 'बीड़ी बनाती स्त्रियां', 'श्रम, आग और पानी', 'यह दुनिया किसकी है?' आदि कविताएं श्रम के सौंदर्य को बखूबी रचती है। इनकी 'शंख' शीर्षक कविता बहुत ही प्रभावशाली कविता है। हमारे समय की विसंगतियां, विडम्बनाएं हर कविता के साथ-साथ चलती है। हमारे समाज का विपर्यय अपनी कविता में बिंबो के द्वारा रचते हैं। इनकी 'तारे' शीर्षक कविता कलात्मक ऊंचाई लिए हुए हैं। इन मायनों में यह संग्रह बहुत ही अच्छा संग्रह है। 
भोपाल से आए चर्चित कवि अनिल करमेले ने कहा कि अंजन इस समय की महत्वपूर्ण और सचेत कवि है। हमारे आसपास के अंधेरे में उनकी यह कविताएं लालटेन की तरह काम कर रही है। 
अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए प्रसिद्ध आलोचक जय प्रकाश ने कहा कि अंजन के संग्रह से पड़ते हुए एक विलक्षण पाठ की अनुभव से गुजरने का अवसर मिला। इस संग्रह में हमारे समय की जितनी भी विभीषिकाएं हैं उसकी आहट है। इस उथल-पुथल भरे समय में कविता जीवन के सौंदर्य का अविष्कार करती है। यह संग्रह ऐसे वक्त में आया है जब हमारा संपूर्ण नागरिक जीवन खतरनाक मोड़ पर आकर उपस्थित हो गया है। ऐसे समय में यह संग्रह पाठकों को राहत देता है। यह प्रेम और सौंदर्य की विलक्षण कविताएं हैं। अंजन की कविता यह साबित करती है कि अपने समय को संवेदना और ठोस अनुभव के स्तर पर प्राप्त, ग्रहण या स्वायत्त करे तो एक बेहतर रचना हो सकती है। 20 साल के श्रम से अंजन ने जो भाषा अर्जित की है वह अपने जटिल समय को बिना जटिल हुए व्यक्त कर पाती है। अंजन की कविताएं ऐन्द्रियता से संपन्न कविताएं है। ऐन्द्रियता कविता की बहुत बड़ी खासियत है। जब हम ऐन्द्रियता पर जोर देते हैं तो उसका जोर संवेदना पर होता है। इधर की कविताएं जिस तरह से समय के दबाव में सपाट और केवल बुद्धि की वस्तु बनकर रह गई है जो मन को छू नहीं पा रही है। ऐसे समय में इस संग्रह की कविताएं समय के दबाव के बीच भी सपाट नहीं होती और अपने काव्यात्मक सौंदर्य के साथ उपस्थित होती है। इन कविताओं में अनुभव की विविधता है।
कार्यक्रम का संचालन अशोक तिवारी और आभार प्रदर्शन सुरेश वाहने ने किया। कार्यक्रम में डॉ, शंकर मुनि राय, अंशुल तिवारी, साक्षी तिवारी, विजय वर्तमान, आर. एन. सुनगरया, दिनेश सोलंकी, मानिकलाल वर्मा, शुचि ‘भवि‘, रजनीश उमरे, राजकुमार सोनी, जयप्रकाश नायर, सुलेमान खान, सतीश चौहान, देवाशीष राय, एन. पापा राव, विद्याभूषण, राकेश यादव, वासुदेव वर्मा, अविनाश तिवारी, शैलेश साहू, नीलम सिंह, के. राजू, टी. लक्ष्मण मूर्ति, सुबोध देवांगन, ओम कुमारी देवांगन, रियाज खान, डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी, प्रतीक शर्मा, गिरधारी लाल वर्मा, अंजली भटनागर, बिमला नायक, उमा महेश्वरी, अनिल कुमार जंगेल, निमाई प्रधान, सरिता, पूरण, जय केसर, घनश्याम, योगेश तारक, सुमित कुजूर, रामकुमार, बंजारे, संग्राम सिंह निराला, तरुण कुमार, टेकराम, नीरज कुमार वर्मा, टिकेंद्र कुमार यदु, प्रणव शर्मा, टेकराम नेताम, युगेश कुमार देशमुख, गुलशन कुमार, कैलाश प्रसाद ठाकुर, सुधांशु रंजन, अजय कुंजाम, मनमोहन तिवारी, डॉ. मांगी लाल यादव, कपिल सूर्यवंशी, टेकलाल, श्रीमती रंजनी मड़ावी, संतोष बंजारा, रजनी पटेल, रशीद अली, सूरज सिंह आदि बड़ी संख्या लोग उपस्थित थे।


Add Comment


Add Comment






Get Newspresso, our morning newsletter