• +91 99935 90905
  • amulybharat.in@gmail.com
रायपुर और भी
रायपुर में भगवान भरोसे कई अस्पताल! कहीं एक्सपायर सिलेंडर तो कहीं फायर फाइटर सिस्टम पूरी तरह जर्जर
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 18 नवम्बर 2024,  05:30 PM IST
  • 68

रायपुर। उत्तर प्रदेश के झांसी में अस्पताल में हुई आगजनी की घटना में 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई और कई बच्चे इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए. ऐसे में छत्तीसगढ़ के अस्पताल आगजनी की घटना और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कितने तैयार हैं?क्या झांसी की घटना से प्रदेश की राजधानी रायपुर के अस्पतालों ने सबक लिया या नहीं?छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और पूरा स्वास्थ्य महकमा बैठता हैं. वहां आपातकालीन स्थिति या आगजनी की घटना से निपटने के लिए अस्पताल में क्या तैयारी है. इसकी एबीपी न्यूज ने जांच की, लेकिन उससे पहले टीम रायपुर के भाटागांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंची. यहां जब एबीपी न्यूज की टीम पहुंची तो मरीजों की भीड़ लगी हुई थी.अस्पताल में दिखे एक्सपायर सिलेंडरवहीं जब हॉस्पिटल में जांच की गई तो पता चला कि अगर अस्पताल में कोई आगजनी की घटना हो जाती है तो यहां सिलेंडर के नाम पर सिर्फ डमी टंगी हुई है. दरअसल, यहां लगा फायर सिलेंडर जुलाई महीने में ही एक्सपायर हो चुका है, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. सिर्फ यही नहीं अस्पताल में और भी जो आग बुझाने के लिए फायर सिलेंडर लगे हुए हैं वह भी एक्सपायर हो चुके हैं. ऐसे में अगर अस्पताल में कोई आगजनी की घटना हो जाती है तो उससे कैसे निपटा जाएगा. यह सब कुछ भगवान भरोसे ही है.वहीं जब इस बारे में अस्पताल में मौजूद डॉक्टर अमोल उपाध्याय से बात की गई, तो उन्होंने कहा, अस्पताल में मौजूद फायर सिलेंडर एक्सपायर हो चुके हैं जिसकी जानकारी विभाग को भेजी गई है. लेकिन अभी तक विभाग की तरफ से कोई आया नहीं है. लगातार पत्राचार किया जा रहा है आने वाले दिनों में नए फायर सिलेंडर लगा लिए जाएंगे. भीमराव अंबेडकर अस्पताल के हालात भी खराबइसके अलावा एबीपी न्यूज की टीम छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े अस्पताल डॉ भीमराव अंबेडकर अस्पताल भी पहुंची, जहां कुछ दिन पहले ही ट्रामा सेंटर में आगजनी की घटना हुई थी. इसके बावजूद यहां हालात वैसे ही हैं. अस्पताल में 12 साल पहले 3 करोड़ की लागत से फायर सिस्टम लगाया गया था और पाइपलाइन बिछाई गई थी, लेकिन मेंटेनेंस और ऑडिट नहीं होने के कारण पाइपों में जंग लग चुका है, नोजल जाम हो चुके हैं.बता दें इस अस्पताल में प्रदेश भर से मरीज पहुंचते हैं. ऐसे में यहां चाइल्ड वार्ड और गायनोकॉलोजी डिपार्टमेंट के सामने एक्सपायरी सिलेंडर लटकाना किसी बड़े हदसे को आमंत्रित कर रहा है. दरअसल चाइल्ड वार्ड के बाहर बरामदे में अक्सर भीड़ रहती है. अगर किसी तरह की कोई घटना हो जाती है तो भगदड़ मच सकती है. ऐसे में तत्कालीन राहत के लिए अस्पताल के पास तैयारी के नाम पर सिर्फ खोखले दावे हैं.जानाकरी के अनुसार, यहां फायर फाइटर सिस्टम लगाया तो गया है, लेकिन उसके लिए अब तक टेक्नीशियन की भर्ती नहीं की गई. कुछ सालों पहले तक अस्पताल में फायर मेंटेनेंस का काम ठेके पर चल रहा था, लेकिन कई सालों से ठेका सिस्टम भी बंद कर दिया गया है. इसके अलावा पिछले कई सालों से फायर फाइटर सिस्टम को लेकर कोई ऑडिट नहीं हुई. ऐसे में फायर फाइटर सिस्टम पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. पाइप में जंग लग चुके हैं, नोजल पूरी तरह से खराब हो चुके हैं.

RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37

RO. NO 13404/ 37

Add Comment


Add Comment

629151020250338041002855468.jpg
RO. NO 13404/ 37
74809102025230106banner_1.jpg
RO. NO 13404/ 37
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg
RO. NO 13404/ 37
74809102025230106banner_1.jpg
RO. NO 13404/ 37
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg





ताज़ा समाचार और भी
Get Newspresso, our morning newsletter