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लाड़ली बहना योजना में बड़ी गड़बड़ी: 607 बहनों के ₹7.59 लाख उत्तर प्रदेश के दो खातों में ट्रांसफर, ऐसे हुआ खुलासा और भी
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 26 नवम्बर 2024,  08:41 PM IST
मध्य प्रदेश की लाड़ली बहना योजना में बड़ी गड़बड़ी हुई है। 607 बहनों की किस्त उत्तर प्रदेश के 2 खातों में ट्रांसफर कर दी गई। जांच-पड़ताल में खुलासा हुआ तो हड़कंप मच गया।

मध्य प्रदेश की लाड़ली बहना योजना में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। 607 'लाड़ली बहनों' की किस्त उत्तर प्रदेश के दो बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी गई। 7.59 लाख रुपए सिद्धार्थनगर के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के खातों में पहुंचे तो हड़कंप मच गया। इतनी बड़ी रकम के ट्रांसफर होने का पता लगते ही क्षेत्रीय कार्यालय सतर्क हो गया। फौरन दोनों खातों के लेन-देन पर रोक लगाई। शाखा प्रबंधक ने घटना को डेटा फीडिंग में गलती का परिणाम बताया है।

6.92 पहुंचे तो आश्चर्य रह गई महिला 
सिद्धार्थनगर के हरैया गांव निवासी गीता के खाते में MP की लाड़ली बहना योजना के 1250 रुपए कई बार ट्रांसफर हुए। गीता के खाते में कुल 6.92 लाख रुपए पहुंचे। इतनी बड़ी रकम आने का मैसेज देखकर गीता आश्चर्य में रह गई। गीता ने मोबाइल पर आए मैसेज को देखने के बाद बैंक को जानकारी दी। गीता ने शाखा प्रबंधक को बताया कि उनके बचत खाता संख्या (3239707427) में न जाने कहां से लाखों रुपए आ गए हैं। शाखा प्रबंधक ने खाता चेक किया तो पता चला कि मध्य प्रदेश की लाड़ली बहना योजना के 1250 रुपए की किस्त कई बार में उनके खाते में आ गई है।

 

आशुतोष के खाते में पहुंचे 67 हजार 
बैंक वालों ने छानबीन शुरू की तो पता चला कि उदयपुर कस्बे के निवासी आशुतोष पाठक के खाते में 67 हजार रुपए एमपी की लाड़ली बहना योजना के आए हैं। जांच में पता चला कि 1,250 रुपए की कई किस्तों के जरिए उनके खाते में राशि पहुंची। इसके बाद सेंट्रल बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय अयोध्या ने दोनों खातों पर लेन-देन पर रोक लगाई।  

गलती से लाड़ली का आ गया धन 
शाखा प्रबंधक सुनील कुमार ने बताया कि गलती से मध्यप्रदेश सरकार की लाड़ली बहना योजना का धन दो उपभोक्ताओं के खातों में ट्रांसफर हो गया था। इस मामले में उपभोक्ताओं की कोई गलती नहीं थी। उन्होंने बैंक में इस बारे में लिखित शिकायत भी की थी, लेकिन शिकायत करने से पहले ही क्षेत्रीय कार्यालय अयोध्या ने उनके खातों के लेन-देन पर रोक लगा दी थी। इसके बाद उन्हें बैंक के केंद्रीय कार्यालय से सूचना प्राप्त हुई। 


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