रायपुर । शहर में बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने तथा क्राइम की समीक्षा करने शनिवार को एसएसपी संतोष सिंह ने राजपत्रित पुलिस अफसर, टीआई के साथ विवेचकों की महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में एसएसपी ने क्राइम के साथ सभी थानों के टीआई के कार्यों की समीक्षा की।समीक्षा बैठक में एसएसपी ने क्राइम के साथ अन्य पहलुओं पर पुलिस अफसरों तथा टीआई के साथ चर्चा की।गौरतलब है कि, चालू वर्ष में जनवरी से लेकर अब तक आईपीसी तथा बीएनएस की धाराओं के तहत आठ हजार अपराध जिले के थानों में दर्ज किए गए हैं। दर्ज अपराध में 25 प्रतिशत मामलों की जांच अब तक पूरी नहीं हो पाई है। इनमें ज्यादतर मारपीट तथा चोरी से जुड़े मामले हैं। साथ ही हाल के दिनों में राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र में एक महिला की हत्या का मामला शामिल है। साइबर अपराध की तत्काल एफआईआर दर्ज करें साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए एसएसपी ने साइबर ठगी के मामलेसामने आने पर तत्काल एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ठगी होने पर जालसाज के अकाउंट में ट्रांसफर रकम को तत्काल होल्ड कराने की प्रक्रिया करने एसएसपी ने निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि, जिले के थानों में निचले स्तर के पुलिसकर्मी वर्षों से जमें हुए हैं, ऐसे चार सौ के करीब पुलिसकर्मियों को चिन्हांकित कर एसएसपी के निर्देश पर ट्रांसफर लिस्ट तैयार की गई है। एसएसपी के अनुसार आगामी स्थानीय चुनाव को देखते हुए पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण एक साथ करने के बजाय चरणबद्ध तरीके से किया जाएगी।पेंडिंग मामलों का रेसियो 10 प्रतिशत लाने निर्देशपेंडिंग मामलों को लेकर कई बार पुलिस अफसरों को कोर्ट में जबाव देना मुश्किल हो जाता है। इससे पुलिस की किरकिरी होती है। पेंडिंग मामलों का जल्द से जल्द निपटारा करने एसएसपी ने सभी थानों के टीआई को निर्देश दिए हैं। एसएसपी ने पेंडिंग मामलों की जांच कर औसत 25 से 10 प्रतिशत पर लाने के निर्देश दिए हैं।गुंडे, बदमाशों की नियमित क्लास लगाने निर्देशबैठक में एसएसपी ने सभी थानों के टीआई को अपने क्षेत्र के चाकूबाज, गुंडे-बदमाशों की सूची टेबल पर अपने सामने रखकर नियमित क्लास लेने के निर्देश दिए हैं। एसएसपी ने सभी थानों के टीआई को अपने क्षेत्र के बदमाशों को नियमित बुलाकर पूछताछ करने के साथ उनकी गतिविधियों के बारे में जानकारी हासिल कर उन्हें अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।गौरतलब है कि, साइबर ठगी के मामलों में पुलिस की शिकायत रहती है कि ठगी की जांच में बैंक प्रबंधन से उन्हें पर्याप्त सहयोग नहीं मिलता। इसके कारण जालसाज अपने अकाउंट में ट्रांसफर ठगी की रकम को आहरण करने में कामयाब होते हैं। जिन लोगों के अकाउंट में रकम ट्रांसफर किया जाता है, उनकी बैंक प्रबंधन द्वारा जानकारी देने में देर की जाती है। इसके कारण मामले की पड़ताल में देर होती है। एसएसपी के मुताबिक इन्हीं बातों को लेकर निजी के साथ सरकारी बैंक के मैनेजर तथा अफसरों के साथ शुक्रवार को बैठक आयोजित कर सभी बैंक प्रबंधन को पुलिस को मांगी गई जानकारी तत्काल उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
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