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डीएमएफ मद से सड़क निर्माण में गड़बड़ी, डिप्टी सीएम ने 5 लोगों को निलंबित करने की घोषणा की
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 20 दिसम्बर 2024,  07:39 PM IST

रायपुर । दंतेवाड़ा जिले में डीएमएफ मद से सड़क निर्माण के मुद्दे पर तीखी बहस के बाद डिप्टी सीएम ने सड़क निर्माण में गड़बड़ी के मामले में 5 लोगों को निलंबित करने की सदन में घोषणा भी कर दी. उन्होंने इस मामले में संबंधित ठेकेदार से वसूली करने के साथ उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का भी ऐलान किया.विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने जिला निर्माण समिति दंतेवाड़ा के तहत डीएमएफ मद से स्वीकृत सड़कों का मामला उठाते हुए सवाल दागे. उन्होंने पूछा कि क्या इस सड़क के निर्माण में अनियमितता की शिकायत मिली थी. इसमें किस तरह की गड़बडिय़ां पाई गई और जो दोषी पाए गए उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई.सवालों के बीच उन्होंने इसमें भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. उन्होंने माप पुस्तिका में दर्ज कार्यों के तहत भुगतान को लेकर सवाल दागे. उन्होंने पूछा कि क्या ठेकेदार को अधिक भुगतान किया गया है. इस पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि यह कार्य पीएम ग्राम सड़क के तहत डीएमएफ में स्वीकृत ही नहीं है. बल्कि जिला निर्माण समिति समिति के विशेष केन्द्रीय सहायता मद में स्वीकृत है।
उप मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि इस मामले में शिकायत मिली थी. दंतेवाड़ा कलेक्टर द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम गठित कर प्रथम स्तरीय जांच कराई गई. इसके भीतिक सत्यापन में अर्थवर्क, जीएसबी डामरीकरण कार्य, डब्लूबीएम और सोल्डर कार्य, रिटनिंग वॉल में अनियमितता का उल्लेख है।
डिप्टी सीएम ने जांच रिपोर्ट में ठेकेदार से 2 करोड़ की वसूली का जिक्र किया. तब चंद्राकर ने पूछा कि जब भुगतान ज्यादा नहीं हुआ तो जांच समिति किस बात की वसूली कर रही है. इस पर डिप्टी सीएम एक द्वारा माप पुस्तिका के आधार पर कम भुगतान और वसूली के आदेश होने की बात कही। इस पर चंद्राकर बिफर पड़े. उन्होंने डिप्टी सीएम पर का आरोप लगाए कि आप भ्रष्टाचार को छिपा रहे हैं. भ्रष्टाचार को उजागर क्यों नहीं कर रहे, संरक्षण क्यों दे रहे हैं. इस बात इस पर सदन में विपक्ष ने भी हंगामा शुरू कर दिया. इसी बीच दोनों में तीखे लहजे में बहस और टकराव की स्थिति बन गई।
टकराव पर आसंदी की समझाइश-
सदन में डिप्टी सीएम और भाजपा सदस्य के बीच टकराव और तौखे लहजे में बहस के दौरान आसंदी ने मामला संभाला. उन्होंने समझाइश देते हुए कहा कि इतनी ऊंची आवाज में न बोलें. माइक लगा है इसलिए सब धीरे बोलने से भी सुन लेते हैं. इसलिए टोन नीचे करें. आरोप-प्रत्यारोप की जरूरत नहीं है. संसदीय तरीके से समझाने का प्रयास करें.
कांग्रेस का जिलाध्यक्ष है ठेकेदार-
सदन में बहस के दौरान विपक्ष के सदस्य टोकाटाकी करते रहे. डिप्टी सीएम की घोषणा के बाद अजय चंद्राकर ने कहा कि वो ठेकेदार जिला कांग्रेस अध्यक्ष है, उसका कारनामा है. क्या ठेकेदार के पूरे काम की जांच कराई जाएगी. इस पर डिप्टी सीएम ने कहा कि नि:संदेह जांच कराई जाएगी।


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