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त्याग और दूरदर्शिता की मिसाल: पंडित रविशंकर शुक्ल जी की पुण्यतिथि पर अरुण वोरा ने किया श्रद्धासुमन अर्पित
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 31 दिसम्बर 2024,  07:47 PM IST
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दुर्ग। आज दुर्ग में मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित रविशंकर शुक्ल जी की पुण्यतिथि के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक अरुण वोरा ने इस कार्यक्रम में भाग लेकर पंडित जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके अद्वितीय योगदान को याद किया।
इस अवसर पर अरुण वोरा ने कहा, "पंडित रविशंकर शुक्ल जी न केवल एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि एक दूरदर्शी नेता भी थे। उनके आदर्श और नेतृत्व ने मध्य प्रदेश और पूरे भारत को नई दिशा दी। उनका जीवन त्याग, संघर्ष और देशभक्ति की मिसाल है, जो आज भी हमें प्रेरणा देता है।"
पंडित रविशंकर शुक्ल का जीवन और योगदान
पंडित रविशंकर शुक्ल का जन्म 2 अगस्त 1877 को सागर जिले के एक साधारण परिवार में हुआ था। वकालत के पेशे से शुरुआत करने वाले शुक्ल जी ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सक्रिय सदस्य रहे और महात्मा गांधी के नेतृत्व में सत्याग्रह आंदोलन में भाग लिया।

1947 में आजादी के बाद, पंडित रविशंकर शुक्ल को मध्य प्रदेश का पहला मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ। उनके कार्यकाल में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी गई। उनकी दूरदर्शिता और दृढ़ता ने मध्य भारत को एक नई पहचान दी।

समाज के लिए प्रेरणा

अरुण वोरा ने कहा कि पंडित शुक्ल जी के आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं। उनकी नीतियां और विचार युवा पीढ़ी को सशक्त और प्रेरित करने का कार्य करते हैं। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि वे पंडित जी के दिखाए गए मार्ग पर चलें और देशहित के लिए काम करें।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे, जिन्होंने पंडित जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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