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सरसंघचालक डॉ. भागवत चार दिनों तक मालवा प्रांत के प्रवास पर
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 3 जनवरी 2025,  08:33 PM IST

भोपाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत चार दिनों तक मालवा प्रांत में रहेंगे। तीन से पांच जनवरी तक वो इंदौर ओंकारेश्वर में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इस दौरान उनके संबोधनों पर सभी की निगाहें रहेंगी। खासतोर पर मंदिर, मस्जिद और खुदाई विवाद को लेकर संघ प्रमुख इंदौर में क्या भूमिका लेते हैं इस पर निगाहें रहेंगी। संघ प्रमुख ने 19 दिसंबर को पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि कुछ लोगों को लगता है कि वे हर मस्जिद की खुदाई करवाकर हिंदुओं के नेता बन जाएंगे? संघ प्रमुख ने कहा था कि ये समाज सबका है। ये देश सबका है। जगह-जगह मंदिर तलाशना, शिवलिंग तलाशना उचित नहीं है। डॉ. मोहन भागवत के बयान की देशभर में खूब चर्चा हो रही है। एक और जहां विपक्षी दलों के नेता भागवत के बयान का स्वागत करते हुए भाजपा और संघ परिवार से कह रहे हैं कि वो संघ प्रमुख की बात मानकर मस्जिदों की खुदाई बंद करें तो दूसरी तरफ संत समाज ने डॉ. भागवत के बयान का विरोध किया है। यहां तक कि संघ परिवार में भी डॉ. मोहन भागवत के बयान को लेकर अच्छी खासी बेचैनी देखी जा रही है। संघ के कार्यकर्ता दबे छुपे शब्दों में संघ प्रमुख के बयान का विरोध कर रहे हैं। कुछ कट्टरपंथी हिंदुओं को लगता है कि मोहन भागवत हिंदुओं के संगठन क लिए बने संगठन को सेकुलर बनाना चाहते हैं। भाजपा और संघ परिवार में सेकुलर शब्द गाली की तरह माना जाता है। जाहिर है संघ प्रमुख के बयानों का उनके संगठन के भीतर ही विराध हो रहा है। यही नहीं संघ के मुख्यापत्र आर्गेनाइजर में भी डॉ. मोहन भागवत के बयान से असहमति व्यक्त की है। हालांकि पांच्यजन्य के हाल के अंक में उनके बयान का बचाव भी किया गया है। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वो इंदौर और ओंकारेश्वर के अपने कार्यक्रमों में इस विवाद पर क्या भूमिका रखते हैं? हो सकता है संघ प्रमुख इंदौर और ओंकारेश्वर के अपने संबोधनों में पुणे के भाषण पर स्पष्टीकरण दें या फिर यू टर्न लें। संघ प्रमुख तीन जनवरी को इंदौर के दशहरा मैदान पर मालवा प्रांत के घोष विभाग के एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने वाले हैं। इस कार्यक्रम में एक हजार प्रशिक्षित घोष वादक स्वर शतकम नामक कार्यक्रम के तहत प्रस्तुति देंगे। वर्ष भर देशभर में चलने वाली संघ की शताब्दी वर्ष कार्यक्रम होगा। इस दृष्टि से संघ प्रमुख की मालवा प्रांत यात्रा अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। इस यात्रा के दौरान संघ प्रमुख भाजपा के कुछ बड़े नेताओं से अनौपचारिक रूप से चर्चा कर सकते हैं। इसके अलावा मालवा प्रांत के शीर्ष पदाधिकारी की बैठक में संघ प्रमुख प्रदेश की राजनीतिक सामाजिक स्थिति का फीडबैक देंगे।


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