• +91 99935 90905
  • amulybharat.in@gmail.com
राजनीती और भी
जनपद अध्यक्ष चुनाव में उपेक्षा से नाराज प्रेमलता नागवंशी ने भाजपा से दिया इस्तीफा
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 6 मार्च 2025,  10:48 AM IST
  • 277

नगरी। धमतरी जिले के जनपद पंचायत नगरी में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव के बाद भाजपा में असंतोष की लहर दौड़ गई है। भाजपा समर्थित जनपद सदस्य प्रेमलता नागवंशी ने पार्टी नेतृत्व के निर्णय पर नाराजगी जताते हुए इस्तीफा दे दिया। उन्होंने प्रेस वार्ता में अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए पार्टी पर गंभीर सवाल उठाए और कहा कि बहुमत होने के बावजूद पार्टी ने बागी उम्मीदवारों का समर्थन किया, जिससे समर्पित कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है।

वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की अनदेखी से नाराजगी

प्रेमलता नागवंशी, जो पिछले 20-25 वर्षों से भाजपा से जुड़ी रही हैं और इस बार जनपद क्षेत्र क्रमांक 19 सिहावा से निर्वाचित हुईं, ने आरोप लगाया कि पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं से बिना चर्चा किए निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर बिठाया गया जिन्होंने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इससे समर्पित कार्यकर्ताओं की वर्षों की मेहनत पर पानी फिर रहा है।

निर्णय प्रक्रिया पर उठाए सवाल

प्रेमलता नागवंशी ने कहा कि भाजपा जैसी बड़ी पार्टी में अब कुछ नौसिखिए नेता दबाव और रौब की राजनीति कर रहे हैं, जिससे पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। जब पार्टी के पास जनपद पंचायत में बहुमत था, तो फिर अपने समर्पित कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर बागियों को ही क्यों प्राथमिकता दी गई?

भाजपा जिलाध्यक्ष ने किया बचाव

इस घटनाक्रम पर भाजपा जिलाध्यक्ष प्रकाश ने कहा कि प्रेमलता नागवंशी एक निष्ठावान कार्यकर्ता हैं और उनकी नाराजगी को जल्द दूर किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी निर्णय वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श कर ही लिए गए हैं।

भाजपा कार्यकर्ताओं में असंतोष

प्रेमलता नागवंशी के इस्तीफे से भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है। कई कार्यकर्ता इस फैसले से आहत हैं और निष्पक्ष निर्णय लेने की मांग कर रहे हैं। अब देखना होगा कि भाजपा नेतृत्व इस असंतोष को दूर करने के लिए क्या कदम उठाता है और क्या प्रेमलता नागवंशी को मनाने की कोई पहल की जाती है या नहीं।

RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37
RO. NO 13404/ 37

RO. NO 13404/ 37

Add Comment


Add Comment

629151020250338041002855468.jpg
RO. NO 13404/ 37
74809102025230106banner_1.jpg
RO. NO 13404/ 37
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg
RO. NO 13404/ 37
74809102025230106banner_1.jpg
RO. NO 13404/ 37
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg





Get Newspresso, our morning newsletter