नई दिल्ली,ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते सैन्य टकराव के बीच मोदी सरकार ने तत्परता दिखाते हुए वहां फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मंगलवार को तेहरान से 110 भारतीयों का पहला जत्था आर्मेनिया के रास्ते सुरक्षित निकाला गया। यह सभी नागरिक जल्द ही दिल्ली पहुंचेंगे।
सरकार का त्वरित एक्शन:
तेहरान में स्थिति बिगड़ने की आशंका को देखते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास ने युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में फंसे नागरिकों की पहचान शुरू की थी। 110 भारतीयों को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित मार्ग से आर्मेनिया पहुंचाया गया, जहां से उन्हें भारत लाया जा रहा है।
भारतीय दूतावास की पहल:
भारत सरकार ने तेहरान (ईरान) और तेल अवीव (इज़राइल) स्थित भारतीय दूतावासों के माध्यम से हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। दूतावासों ने भारतीय नागरिकों से अपील की है कि वे स्थिति सामान्य होने तक संबंधित देश छोड़ने की योजना बनाएं और खुद को दूतावास के साथ पंजीकृत करें।
दूतावास द्वारा जारी संदेश:
“हम अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। कृपया हालात को गंभीरता से लें और निकासी प्रक्रिया में सहयोग करें,” — भारतीय दूतावास, तेहरान
तनाव की पृष्ठभूमि:
ईरान और इज़राइल के बीच हालिया टकराव ने पश्चिम एशिया में सुरक्षा संकट को और गहरा कर दिया है। दोनों देशों के बीच मिसाइल हमलों और सैन्य कार्रवाई की घटनाओं में तेज़ी आई है, जिससे वहां रह रहे विदेशी नागरिकों के लिए स्थिति अत्यंत संवेदनशील हो गई है।
नागरिकों की भावनाएं:
तेहरान से निकाले गए एक भारतीय नागरिक ने कहा,
“भारतीय सरकार ने समय पर कदम उठाया। हम बहुत आभारी हैं कि हमें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।”
आगे की योजना:
सरकार ने संकेत दिए हैं कि निकासी प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाई जाएगी। जिन भारतीयों ने अब तक पंजीकरण नहीं कराया है, उनसे जल्द संपर्क साधने और निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया गया है।
(यह समाचार भारत सरकार की त्वरित कार्रवाई और विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।)
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