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राजनीती और भी
कुर्सी पकड़ लोग ही कर रहे हैं बिल का विरोध – ज्योतिरादित्य सिंधिया
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 21 अगस्त 2025,  09:04 PM IST
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केंद्रीय मंत्री बोले – मेरे पिताजी ने आरोप सिद्ध न होने पर भी दिया था इस्तीफा, नैतिकता का पालन सभी को करना चाहिए

ग्वालियर। तीन दिवसीय दौरे पर गुरुवार शाम ग्वालियर पहुंचे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार और लगातार 30 दिन हिरासत में रहने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को पद से हटाने के प्रावधान वाले बिल का विरोध करने वालों को “कुर्सी पकड़ लोग” करार दिया।

सिंधिया ने कहा—

“जो लोग कुर्सी से चिपके रहते हैं, वही इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। मेरे पिताजी पर जब आरोप लगे थे और सिद्ध भी नहीं हुए थे, तब भी उन्होंने खुद आगे बढ़कर इस्तीफा दिया था। यह नैतिकता का प्रमाण था।”

“हर अच्छी चीज का विरोध”

सिंधिया ने कहा कि इस बिल की समीक्षा संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के जरिए की जानी है। लेकिन विपक्ष इसके विरोध में है। उन्होंने कहा—

“हर अच्छी चीज और नैतिकता का विरोध वही लोग करते हैं, जो भारत को उस कालखंड में ले जाना चाहते हैं, जहां भ्रष्टाचार और नैतिकता की कोई जवाबदेही न हो।”

“समय की मांग है ऐसा विधेयक”

केंद्रीय मंत्री ने सवाल उठाया कि आखिर यह बिल लाने की नौबत क्यों आई? इसका कारण है कि कई ऐसे लोग हैं जिन पर गंभीर आरोप लगे हैं, वे गलत काम करते पकड़े गए हैं, फिर भी सत्ता से चिपके बैठे हैं। उन्होंने कहा—

“यदि किसी पर गंभीर आरोप साबित हों और वह सलाखों के पीछे हो, तब भी यदि वह कुर्सी पकड़े रहे, तो यह देशहित के खिलाफ है। समय की मांग है कि ऐसा विधेयक देश में लागू हो।”

पिताजी के त्यागपत्र का उदाहरण

सिंधिया ने अपने पिता माधवराव सिंधिया का उदाहरण देते हुए कहा कि—

“जब सिविल एविएशन दुर्घटना हुई थी या रेलवे में हादसा हुआ था, तब भी उन्होंने आरोप सिद्ध न होने के बावजूद नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दिया था। यही हमारी परंपरा और मूल्य हैं। सभी को इस बिल का समर्थन करना चाहिए।”


केंद्रीय मंत्री के इस बयान से स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में यह विधेयक राजनीति में बड़ा मुद्दा बनेगा।

?️ रिपोर्टर: ज्वाला एक्सप्रेस न्यूज टीम
ग्वालियर, मध्यप्रदेश

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