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साजा में छत्तीसगढ़ के श्री संघो का अभिनंदन..
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 9 सितम्बर 2025,  04:12 PM IST
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साजा में छत्तीसगढ़ के श्री संघो का अभिनंदन..

साजा। साजा नगरी में प्रतिष्ठित श्री आदिनाथ प्रभु की छत्रछाया में जैन श्री संघ साजा एवं वर्षावास समिति साजा के तत्वावधान में सुंदर चातुर्मास की आराधना चल रहा है। उल्लेखनीय है कि साजा जैसे छोटे कस्बा में प०पू० आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय योग तिलक सूरीश्वर जी म०साo के शिष्य पू० मुनि श्री श्वेत तिलक  विजय जी, मुनि श्री कंचन तिलक विजयजी म.सा. एवं साध्वी श्री चैत्यदर्शिता श्री जी म सा आदि 15 ठाणा साधु-साध्वीजी भगवंतों का चातुर्मासिक निश्रा साजा श्री संघ को मिला है। साजा श्री संघ की एकता और जिनवाणी के प्रति जैन-जैनेत्तर भाविकों की प्रवचन में उपस्थिति की चर्चा पूरे भारत में हो रही है। यहाँ पर्युषण पर्व में श्री महावीर जन्मवांचन पूर्व चौदह सपनों के अवतरण का लाभ जैन समाज के अतिरिक्त अन्य समाज यादव, साहू, खण्डेलवाल, अग्रवाल, माहेश्वरी समाज के श्रद्धालुओं ने चढावा लेकर एक नया इतिहास बनाया है। भाद्र पूर्णिमा के दिन श्री संघ साजा द्वारा पूज्य गुरु भगवंतों की छत्तीसगढ़ स्थिरता एवं विहार क्रम में विहार व्यवस्था, वैयावच्च व्यवस्था, सेवा सुश्रूषा के लिए अनेको संघों की अनुमोदना करते हुए अभिनंदन किया गया। अभिनंदन समारोह का सम्पूर्ण  लाभ दुगड़ परिवार साजा परसबोड़ द्वारा लिया गया। बहुत ही सुंदर भक्ति पूर्ण वातावरण में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। अभिनंदन समारोह लाभार्थी परिवार की ओर से जितेन्द्र (बंटी) दुगड ने बताया कि इस अवसर पर रायपुर, महासमुंद, खरियाररोड कोरापुट, गीदम, जगदलपुर, कांकेर, धमतरी, केशकाल, सम्बलपुर, भानुप्रतापपुर, दल्लीराजहरा, परपोडी, देवकर, धमधा,खैरागढ़, राजनांदगांव, दुर्ग, बालोद, गण्डई आदि छत्तीसगढ़ अंचल के श्रीसंघों के सदस्य उपस्थित रहे। श्री संघों का बहुमान कर हम गौरवान्वित है। इस अवसर पर आशीष भाई गोलेछा ने जिनशासन की महत्त्वता एवं उनके प्रति समर्पण - संरक्षण और संवर्धन विषय पर अपना विचार व्यक्त किए।

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