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मेरे दिमाग की कीमत 200 करोड़ महीना, मैं दलाल नहीं, विरोधियों पर बरसे नितिन गडकरी
  • Written by - amulybharat.in
  • Last Updated: 14 सितम्बर 2025,  08:39 PM IST
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मेरे दिमाग की कीमत 200 करोड़ महीना, मैं दलाल नहीं, विरोधियों पर बरसे नितिन गडकरी

नागपुर। इथेनॉल नीति को लेकर हो रही आलोचनाओं का केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बेहद तीखे अंदाज में जवाब दिया है। नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा, “मेरा दिमाग ही हर महीने 200 करोड़ की कीमत का है। मेरे पास पैसे की कोई कमी नहीं है और मैं कभी नीचे नहीं गिर सकता।”
एग्रीकोज वेलफेयर सोसाइटी के एक कार्यक्रम में बोलते हुए गडकरी ने स्पष्ट किया कि इथेनॉल को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों का कमाई से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि यह पूरी तरह से किसानों के हित में है। उन्होंने कहा, “आपको क्या लगता है कि ये सब मैं पैसे के लिए कर रहा हूं? मैं कोई दलाल नहीं हूं, ईमानदारी से कमाना जानता हूं।” गडकरी ने कुछ राजनेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे लोगों को लड़ाकर फायदा उठाते हैं, लेकिन वह उनमें से नहीं हैं।
विदर्भ में किसानों की आत्महत्या को एक शर्मनाक सच्चाई बताते हुए गडकरी भावुक हो गए। उन्होंने कहा, “मेरा भी घर-परिवार है। मैं कोई संत नहीं हूं। मुझे हमेशा लगता है कि विदर्भ में 10 हजार किसानों की आत्महत्या शर्म की बात है। जब तक हमारे किसान समृद्ध नहीं हो जाते, हम अपने प्रयास कम नहीं करेंगे।”
अपने बेटे की कंपनी को लेकर लग रहे आरोपों पर सफाई देते हुए गडकरी ने कहा कि वह केवल आइडिया देने का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि उनका बेटा आयात-निर्यात का व्यापार करता है और कृषि क्षेत्र में नए अवसर पैदा कर रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “मेरे बेटे ने ईरान से 800 कंटेनर सेब मंगवाए और यहां से 100 कंटेनर केले भेजे। उसने गोवा से 300 कंटेनर मछलियां सर्बिया को सप्लाई कीं और ऑस्ट्रेलिया में दूध उत्पादों की फैक्ट्री भी लगाई है।”
गडकरी ने आगे बताया कि उनका बेटा आईटीसी के साथ मिलकर 26 चावल मिलें चलाता है। उन्होंने कहा, “मुझे (अपने उद्योग के लिए) पांच लाख टन चावल के आटे की जरूरत पड़ती है। इसलिए वह मिल चलाता है और मैं उससे आटा खरीद लेता हूं।” उन्होंने कहा कि यह इस बात का उदाहरण है कि व्यापार में रुचि रखने वाले लोग कृषि क्षेत्र में कैसे अवसर पैदा कर सकते हैं।

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